तेहरान। ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक सीनियर कमांडर ने दावा किया है कि 13 फरवरी को उनके 27 जवानों की जान लेना वाला फिदायीन हमलावर पाकिस्तानी था। कमांडर का कहना था कि ये हमलावर पाकिस्तान से आया था और इसने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को ले जा रही बस को निशाना बनाया। जिसमें 27 गार्ड की मौत हो गई।
इससे पहले ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड चीफ मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि ईरान के खिलाफ सऊदी अरब और सयुंक्त अरब अमीरात सुन्नी ग्रुप के मिलिटेंट की मदद कर रहे हैं।
जाफरी ने कहा, पाकिस्तान की सेना और सिक्योरिटी बॉडी इन एंटी-रिवोल्यूशनरी ग्रुप को शरण क्यों देते हैं? पाकिस्तान को इसमें संदेह नहीं होना चाहिए कि उन्हें इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी।
13 फरवरी को पाकिस्तान से लगने वाली ईरान के सिस्तान बलूचिस्तान सीमा में एक फिदायीन हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के 27 जवानों की मौत हो गई थी। हमला उस वक्त सैनिक सीमा पर गश्ती करने के बाद वापस लौट रहे थे।
बता दें कि ईरान के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी समूह की जैश-अल-अदल आतंकी संगठन ईरानी सेना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
सऊदी और यूएई पर इस सुन्नी आतंकी संगठन का समर्थन देने का आरोप
ईरान कई बार कह चुका है कि यह आतंकी संगठन पाकिस्तान में संचालित होता है और इसके खिलाफ इस्लामाबाद कार्रवाई नहीं कर रहा है।