नई दिल्ली। 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने करगिल युद्ध के दौरान चलाये गए सफल “ऑपरेशन विजय” को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियो के चंगुल से मुक्त कराया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के साथ 1999 की अपनी तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहले द्रास स्थित वॉर मेमोरियल जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम की वजह से अब वे श्रीनगर के बादामी बाग कैंटोनमेंट में जवानों को श्रद्धांजलि देंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर करगिल युद्ध की याद करते हुए कहा, “युद्ध के दौरान मुझे करगिल जाकर बहादुर सिपाहियों के साथ मजबूती दिखाने का मौका मिला था। तब अपनी पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में काम कर रहा था। करगिल जाना और वहां सैनिकों से मिलना अविस्मरणीय है।
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। पराक्रमी योद्धाओं को विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद!”
जनरल बिपिन रावत ने द्रास में शहीदों को दी श्रद्धांजलि
खराब मौसम की वजह से करगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाले फाइटर जेट्स का फ्लाई पास्ट रद्द कर दिया गया। हालांकि, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने द्रास में ही शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध का समर्थन जारी रखेगा तो सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई फिर की जाएगी।
राष्ट्रपति ने कहा- यह सशस्त्र बलों की वीरता के स्मरण का दिन
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, “कारगिल विजय दिवस, हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है। हम इस अवसर पर भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य और शौर्य को नमन करते हैं। हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे।”