Home National किसान आंदोलन: बातचीत से पहले बोले कृषि मंत्री- कानून रद्द करने के...

किसान आंदोलन: बातचीत से पहले बोले कृषि मंत्री- कानून रद्द करने के सिवाय और क्‍या चाहिए

303
0
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।
  • किसान संगठनों के साथ केंद्र सरकार की अगली बैठक 19 जनवरी को।
  • केंद्रीय कृषि मंत्री बोले, एक-एक क्‍लॉज पर चर्चा करें किसान संगठन।
  • कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहिए, वो बताएं: तोमर।
  • कृषि मंत्री ने कहा- SC ने क्रियान्‍यवन रोका तो जिद का सवाल खत्‍म।

नई दिल्‍ली। किसान संगठनों के साथ केंद्र सरकार की अगली बातचीत 19 जनवरी को होनी है। उससे पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि नए कृषि कानूनों की वापसी के सिवाय किसान क्‍या चाहते हैं, ये बताएं। उन्‍होंने कहा कि ‘किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए।’ न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में तोमर ने कहा, “हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है, वो बताएं।” उन्‍होंने कहा कि कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं, वो सरकार के सामने रखें।

तोमर ने कहा, “भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की। हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं। सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है। किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए। भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं।”

किसान संगठन बोले, आंदोलन टूटने नहीं देंगे
किसान संघर्ष समिति के मनदीप नथवान ने एएनआई से बातचीत में कहा कि “पूरी दुनिया की नजर 26 जनवरी के कार्यक्रम पर है। कुछ लोग सरकार की शह पर इस आंदोलन को उग्र करना चाहते हैं, हमारा ये आंदोलन नीतियों के खिलाफ है ना कि दिल्ली के खिलाफ। ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे दिल्ली के साथ कोई युद्ध होने जा रहा हो।” उन्‍होंने आरेाप लगाया कि सरकार आंदोलन को तोड़ना चाह रही है। नथवान ने कहा, “26 जनवरी को बड़ी संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक लेने के लिए दिल्ली आ रहा है। सरकार को भ्रम है कि हम इस आंदोलन को तोड़ देंगे लेकिन हम ये आंदोलन टूटने नहीं देंगे। 18 जनवरी को हम महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे।”

सरकार को अपनी गलती माननी चाहिए
वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि उम्मीद के अनुसार वार्ता विफल रही, और इसके लिए सरकार को दोषी ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि आरटीआई प्रतिक्रियाओं से सरकार के झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि सरकार ने किसी से भी सलाह नहीं ली थी। विशेष रूप से, राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here