नोएडा। नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को सुरक्षित तरीके से जमींदोज कर दिया गया। दोनों टावर कुतुब मीनार से भी ऊंचे हैं और इन्हें 15 सेकंड से भी कम समय में ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से ढहा दिया गया। आपको बता दें कि ट्विन टावर देश में अब तक की सबसे ऊंची संरचनाएं थीं जिन्हें जमींदोज कर दिया गया। ट्विन टावर के जमींदोज होने से पहले यहां पर परिवार और बच्चों सहित कई लोग जमा हो गए और उन्होंने दोनों टावर के वीडियो बनाए।
बजाया गया सायरन
ट्विन टावर को जमींदोज करने से पहले सायरन बजाया गया और फिर कुछ वक्त के बाद देखते ही देखते टावर ध्वस्त हो गया। ट्विन टावर के जमींदोज होते ही धूल का गुब्बार उठा, जिसे दूर-दूर से देखा जा सकता था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में इन टावर को गिराया गया जिसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया गया। कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के भीतर इन टावर के निर्माण में मानदंडों का उल्लंघन पाया था। सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट और पास के एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5,000 निवासियों को रविवार सुबह सात बजे तक अपना परिसर खाली करना पड़ा, जबकि लगभग 3,000 वाहनों को हटाया गया।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इन अवैध ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त कार्रवाई में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। यह एक संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ट्विन टावरों पर सुपरटेक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया और तदनुसार दोनों टावर को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
लावारिस कुत्तों को किया गया स्थानांतरित
ट्विन टावर को जमींदोज करने से पहले कम 40 लावारिस कुत्तों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया गया था। एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने अधिकारियों से क्षेत्र में पक्षियों को बचाने के लिए, ट्विन टावरों को तोड़े जाने से ठीक पहले एक डमी विस्फोट या झूठमूठ की गोलीबारी करने का अनुरोध किया था।