नई दिल्ली। इसी वर्ष देश में लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर आक्रामक रुख अपनाएं हुए हैं। राहुल आज गुजरात में लाल डूंगरी गांव से पीएम मोदी और अमित शाह के गृह राज्य से चुनाव प्रचार का बिगुल फूकेंगे।
गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि वो भाजपा को सत्ता में वापसी से नहीं रोक पाई थी। विधानसभा चुनावों के दौरान ही राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की गई थी। राहुल का विधानसभा चुनाव के बाद ये पहला गुजरात दौरा है।
राजीव और सोनिया की राह पर चले राहुल राहुल गांधी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी की रणनीति पर चलने का फैसला किया है। राजीव गांधी ने साल 1984 और मां सोनियां गांधी ने साल 2004 के आम चुनाव में धर्मपुर के लाल डुंगरी गांव से ही सत्ता हासिल करने के लिए चुनाव प्रचार की शुरूआत की थी।
उनकी दादी इंदिरा गांधी ने भी साल 1980 में यहीं से प्रचार की शुरूआत की थी। पार्टी का मानना है कि लाल डूंगरी जिसे लाल प्याज भी कहा जात है, देश पर शासन करने के लिए अच्छा शगुन लाता है। दक्षिण गुजरात क्षेत्र के कई गांवों के लोग अभी भी केवल कांग्रेस के हाथ के चुनाव चिन्ह को पहचानते हैं और केवल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जानते हैं।
देवेंद्र फडनवीस राहुल के दौरे से पहले पहुंचे भारतीय जनता पार्टी भी जानती है कि कांग्रेस के लिए इस क्षेत्र का क्या एतिहासिक महत्व है। इसी वजह से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस राहुल गांधी के गुजरात दौरे से एक दिन पहले बुधवार को यहां पहुंचे।उन्होंने भाजपा के 4000 से ज्यादा पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी की मौजूदगी में मीटिंग की। ये मीटिंग धर्मपुर के राजचंद्रा आश्रम के सभागार में आयोजित की गई।
उन्होंने कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए कहा कि कैग ने पीएम मोदी और सरकार को राफेल डील मामले में क्लीन चीट दे दी है। जबकि कांग्रेस के नेताओं पर अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
राहुल ‘जमीन अधिग्रहण’ को बनाएंगे मुद्दा राहुल गांधी आज धर्मपुर से बुलेट ट्रेन के लिए किसानों से ली गई जमीन को लेकर सरकार पर निशाना साध सकते हैं। यहां कई किसान गुजरात सरकार से जमीनअधिग्रहण के मुद्दे पर नाराज हैं क्योंकि उनकी खेती की भूमि इसके दायरे में आ रही है। फिलहाल ये मामला गुजरात हाईकोर्ट में लंबित है।
सूत्रों के अनुसार राहुल यहां पार्टी की उच्च ईकाई के सदस्यों के साथ मीटिंग भी कर सकते हैं। कांग्रेस ने 6 फरवरी को यहां आक्रोश रैली करने का ऐलान किया था।