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नेशनल सेफ मदरहुड डे पर महिलाओ के लिए कुछ खास

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माँ बनना किसी भी महिला के लिए उसके जीवन में सुखद अनुभव होता है। इसके साथ ही कुछ सावधानियाँ बरतने के साथ अपने उस पल को और सुखद बना सकते हैं।
राष्ट्रीय मातृत्व सुरक्षा दिवस के इस मौके पर जानिए महिलाओं को प्रेग्नेंसी की अवस्था में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसके साथ ही यह भी जानें कि प्रेगनेंट महिलाओं को किन चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

महिलाओ में एक खास आदत शुमार होती है चाहे वह कितनी भी दिक्कत और परेशानी में ही क्यों ना हो लेकिन वह उसे कभी जाहिर नही होने देती हैं लेकिन प्रेग्नेंसी एक ऐसी अवस्था है जब उन्हें खास देखभाल की ज़रूरत होती है आखिर वे अपने साथ-साथ अपने अंदर एक और जिंदगी को जीवन दे रही होती हैं।
आज नैशनल सेफ मदरहुड डे (राष्ट्रीय मातृत्व सुरक्षा दिवस) है और इस मौके पर आइए जानते हैं कि प्रेगनेंट महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं साथ ही उन्हें किन-किन चीजों से दूर रहना चाहिए:

स्ट्रेस और टेंशन की करें छुट्टी
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को एकदम टेंशन और स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए। जितना हो सके उतना स्ट्रेस को दूर रखें क्योंकि स्ट्रेस की स्थिति में आप तो असहज होंगी ही आपके बेबी पर भी बुरा असर पड़ेगा।

स्मोकिंग और ड्रिंकिंग
प्रेग्नेंसी की अवस्था में स्मोकिंग और ऐल्कॉहॉल से दूर ही रहना चाहिए क्योकि जब गर्भवती महिलाएं धूम्रपान करती हैं तो ब्लड वेसल्स टाइट हो जाती हैं। चूंकि नाल (Placenta) ब्लड वेसल्स से भरा होता है ताकि भ्रूण को जरूरी पोषक तत्व मिल सकें। लेकिन स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की वजह से ये ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं जिससे आपके शिशु तक पोषण नहीं मिल पाता है।

कॉफी
विशेषज्ञों के मुताबिक,प्रेगनेंट महिलाओं को कॉफी से भी दूर रहना चाहिए क्यूंकि कॉफी पीने से भ्रूण कैफीन के संपर्क में आता है और गर्भ में पल रहे बच्चे इसके प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। इसके साथ ही स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी कॉफी न पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उनके बच्चे बेचैन और चिड़चिड़े होने लगते हैं।

हाई हील्स को बोलें ना
भले ही आपको वेद्गेस , स्टिलेटोस और हील्स काफी पसंद हो, लेकिन प्रेग्नेंसी में इनसे दूरी बनाए रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक,जब गर्भवती महिलाओ का पेट बढ़ता है तो सेंटर ऑफ ग्रैविटी भी बदल जाती है। इस वजह से महिलाओ को अपने पैरों पर खड़े होने में दिक्कत आने लगती है। इसके अलावा पैरों पर सूजन भी आ जाती है जिसकी वजह से हाई हील्स पहनने पर आप गिर भी सकती हैं।

हॉट बाथ से नजदीकी ला सकती है बर्थ डिफेक्ट
अगर गर्भवती महिलाओ के पेट या कमर में दर्द हो रहा है ऐसी स्थिति में आपका मानना है की आप हॉट बाथ लेकर या फिर सिकाई करके आराम पा सकती हैं तो जरा यह भी सोच लें कि बढ़े तापमान की वजह से पहली तिमाही के दौरान बर्थ डिफेक्ट की समस्या आ सकती है। हॉट बाथ के बजाय आप हल्के गुनगुने पानी से सिकाई कर सकती हैं।

दवाइयों से करे परहेज
प्रेग्नेंसी के दौरान जितना हो सके दवाइयों से परहेज करें। कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें और उचित सलाह लें। अगर सिर में भी दर्द हो तो उसकी दवाई लेने से पहले भी डॉक्टर से सलाह लें।

एक्यूपंचर और मसाज को भी बोलें बाय-बाय
प्रेगनेंट महिलाओं को एक्यूपंचर और मसाज भी कम लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान आमतौर पर इन्हें काफी सुरक्षित और सही माना जाता है, लेकिन उस अवस्था में भी कुछ चरण ऐसे होते हैं जब एक्यूपंचर और मसाज बिल्कुल भी नहीं करानी चाहिए। प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों के दौरान पेट की बिल्कुल भी मालिश या मसाज नहीं की जाती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान एक्यूपंचर कराया जा सकता है। इसके लिए किसी एक्सपर्ट को कंसल्ट करें।

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