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पीयूष गोयल पेश कर रहे अंतरिम बजट, किसानों व मध्यम वर्ग को मिल सकती है कई सौगात

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय का प्रभार देख रहे पीयूष गोयल मोदी सरकार के वर्तमान कालकाल का अंतिम बजट आज पेश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव की वजह से इस बार पूर्ण बजट नहीं बल्कि अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। आर्थिक सर्वेक्षण भी जुलाई में ही पेश किया जाएगा। चुनावी वर्ष होने के कारण उम्मीद जतायी जा रही है कि किसानों एवं मध्यम वर्ग के लिए कई सौगात केंद्र सरकार दे सकती है।

  • कहा -प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने दी है निर्णायक, बेदाग सरकार
  • वित्त मंत्री ने कहा, हमने जीएसटी लाकर सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया

पीयूष गोयल ने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, मैं अरुण जेटली की अनुपस्थिति को लेकर चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। जनता ने हमें मजबूत जनादेश दिया था। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने निर्णायक, बेदाग सरकार दी है। हम देश को पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर लाए हैं।
सदन में बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2018-19 में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया गया। 2013-14 में मात्र 92 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।मनरेगा के लिए भी 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों का है। सरकार ने एसटी-एसटी और ओबीसी के कोटे को बरकरार रखते हुए गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण सुनिश्चित किया है। इन संस्थानों में लगभग दो लाख सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि किसी भी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में कमी न आए। 2019 में हम स्वच्छ भारत मिशन चलाएंगे। 5.45 लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त करार दिया गया है। हम लोगों की मानसिकता बदलने में कामयाब रहे हैं। हम पारदर्शिता के नए दौर में चले गए हैं। हमने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई। रेरा कानून और बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। भगोड़े आर्थिक अपराधी अब बच नहीं सकते। पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज चुकाने का दबाव रहता था। अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज लौटाने की चिंता रहती है। तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज रिकवर हो चुका है। सरकारी बैंकों की भलाई है कि 2.6 लाख करोड़ रुपए का रि-कैपिटलाइजेशन किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा, हमने जीएसटी लाकर सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाए गए हैं। 2008 से 2014 का समय कर्ज के क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं रहा। सरकारी बैंकों की नॉन परफॉर्मिंग असेट्स उस कार्यकाल में बढ़ गई थीं। ये 2014 में 5.4 लाख करोड़ थीं। हमारी सरकार में यह दम था कि हम आरबीआई को कहें कि इन सभी कर्जों को देखें और बैंकों की सही स्थिति देश के सामने रखें। हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी। हम महंगाई दर को 4.6त्न तक ले आए। यह किसी भी सरकार के कार्यकाल की तुलना में कम था। दिसंबर 2018 में सिर्फ 2.19 प्रतिशत महंगाई दर रही। हम 2020 तक न्यू इंडिया बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। हम सभी के लिए शौचालय, पानी, बिजली, घर होने के भारत की संकल्पना कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी होगी और देश आतंकवाद से मुक्त होगा। पिछले पांच साल में भारत ग्लोबल इकोनॉमी में छाया रहा। हम दुनिया में आज सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।

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