नई दिल्ली। कांग्रेस में महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दो महीने में प्रियंका गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया से चमत्कार की उम्मीद नहीं करते हैं। राहुल ने कहा कि इन दोनों को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कोई दबाव महसूस नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य से उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी का आधार मजबूत करने की दिशा में काम करने की बात कही है।
दोनों नेताओं पर कोई दबाव नहीं- राहुल महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद पहली बार प्रियंका गांधी कांग्रेस की बैठक में शामिल होने पहुंची थी। राहुल गांधी ने बताया कि मीटिंग में चुनावी रणनीति, गठबंधन और उम्मीदवारों को लेकर बात हुई। सभी राज्यों के चुनाव प्रभारियों और महासचिवों ने अपने-अपने विचारों को पार्टी की बैठक में रखा। सभी को निर्देश दिया गया है कि उम्मीदवारों का चयन इस महीने (फरवरी) के आखिर तक फाइनल कर लिया जाए।
बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा को हराना है- प्रियंका गांधी वहीं, पहली मीटिंग में शामिल हुई प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैंने बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को हराने की ठान रखी है। बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को जवाब दिया जाना चाहिए।
‘ प्रियंका ने कहा कि वे नई और अनुभवहीन हैं लेकिन चुनावों के दौरान वे पूरी ताकत से कांग्रेस को आगे बढ़ाने का काम करेंगी।इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, पीएल पुनिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल रहे। बैठक में राहुल गांधी के बराबर में गुलाम नबी आजाद और खड़गे जैसे नेता बैठे दिखे तो प्रियंका बैठक में करीब राहुल गांधी से कुछ दूर सिंधिया के बराबर में बैठी दिखीं थी।
राहुल के रोड शो में शामिल होंगे दोनो नेता औपचारिक रूप से 47 साल की प्रियंका गांधी के राजनीति में प्रवेश करने के साथ ही कांग्रेस ने ये तय किया कि वे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 44 सीटों की कमान अपने हाथों में लेंगी। इसके अतिरिक्त बाकी सीटों की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य को दी गई है। खबर के मुताबिक, 11 फरवरी को राहुल गांधी के रोड शो में प्रियंका और सिंधिया दोनों ही दिखाई देंगे।