नई दिल्ली। बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने डिजिटल इंडिया के बारे में कई बातों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप का दूसरा सबसे बड़ा हब भारत बन गया है। नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल जल्द ही बनेगा। सरकार की तरफ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नॉलजी पर प्रोग्राम बनाए गए हैं और नेशनल सेंटर्स तैयार किए गए हैं। अगले पांच साल में एक लाख डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे।
- अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे
- 40 हजार ग्राम पंचायत में वाईफाई हॉट स्पॉट लगा दिए गए
लगभग 5 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की. लगातार इसके तहत नई योजना लॉन्च की गई है. ग्रामीण इलाकों में फाइबर बिछाए गए हैं. गांवों में वाईफाई कनेक्टिविटी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. 90 फीसदी से ज्यादा इंडियन सिटिजन्स के आधार कार्ड बना दिए गए हैं. सरकार का दावा है कि ग्रामीण इलाकों में सेंटर्स बनाए गए हैं. दावा ये भी है कि 40 हजार ग्राम पंचायत में वाईफाई हॉट स्पॉट लगा दिए गए हैं.
पीयूष गोयल ने बजट 2019 के दौरान डिजिटल इंडिया को लेकर ये बाते कहीं हैं. मोबाइल डेटा खपत में इंडिया नंबर. 1 कंट्री है, मंथली डेटा कंजम्प्शन 50 गुणा बढ़ा है. दुनिया में सबसे सस्ता डेटा और कॉलिंग है. मोबाइल कंपनियां भारत में जॉब दे रही हैं. कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण इलाकों में बढ़ रही हैं और डिजिटल विलेज तैयार हो रहे हैं, अगले पांच साल में 1 लाख डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे. इनकम टैक्स रिटर्न के लिए टेक्नॉलजी का यूज किया जा रहा है. अगले 2 साल में वेरिफिकेशन्स भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होंगे. स्क्रूटनी के लिए भी दफ्तर नहीं जाना होगा. किसकी स्क्रूटनी हो रही है और ऑफिसर कौन है ये किसी को नहीं पता चलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में सर्विस पहुंचाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर्स बनाए गए हैं. इन केंद्रों में लोगों को बीमा, पेंशन, बैंकिंग और स्कॉलरशिप जैसी सर्विस के बारे में जानकारी मिलती है. कॉमन सर्विस सेंटर तेजी से बढ़े हैं. दावा किया गया है कि 2014 में देश में 84 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे और अब ये बढ़ कर 3 लाख से ज्यादा हो गए हैं.