नई दिल्ली। आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में बिल्डरों ने अफसरों और बैंकों की मिलीभगत से नियम तोड़कर ऊंची-ऊंची इमारतें बना ली हैं। बड़े पैमाने पर ऐसी धोखाधड़ी भारत में ही संभव है, लेकिन हम भ्रष्टाचार के लिए फांसी नहीं दे सकते।
‘आपके पीछे जो भी पावरफुल लोग है, नहीं छोड़ें जायेंगे’
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आसमान की ऊंचाई तक लोगों से चीट किया गया है। कोर्ट ने कहा, ‘जो भी पावरफुल लोग आप लोगों के पीछे खड़े हैं हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। सबके खिलाफ क्रिमिनल केस चलेगा।’ अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। कोर्ट में किस तरह दलीलें पेश की गईं और जस्टिस ने क्या कहा, आइए जानते हैं:
कुछ बायर्स की ओर से कृष्णन वेणुगोपाल: ये पूरा मामला पब्लिक ट्रस्ट को तोड़ने से जुड़ा है। अथॉरिटी और बैंकों की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों के हित की रक्षा करते, जो नहीं हुआ। अब अथॉरिटी रेरा के तहत तय करे कि कैसे काम पूरा होगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा: पेमेंट का दूसरा शेड्यूल बनाया गया था उसे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने मॉनिटर तक नहीं किया। अगर बिल्डर ने डिफॉल्ट किया तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसल होना चाहिए था। अथॉरिटी ने इस मामले में गलत किया है। आपने और बैंकर्स ने लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है। इस तरह के बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी भारत में ही संभव है, क्योंकि अथॉरिटी और बैंकर्स दोनों की मिलीभगत थी। बैंकर्स ने पब्लिक ट्रस्ट के साथ खिलवाड़ किया।
बायर्स के मुख्य वकील एम। एल। लाहोटी: अनफेयर प्रैक्टिस के मामले में रेरा ऐक्ट के तहत अथॉरिटी बिल्डर कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर सकता है। अगर प्रमोटर फ्रॉड में शामिल हो, तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसल हो सकता है। बैंक की जिम्मेदारी है कि उसने जो लोन दिया है उसके बारे में वह चीजों को मॉनिटर करे और फंड के गलत इस्तेमाल को रोके।
जस्टिस अरुण मिश्रा: आप लोगों ने गंभीर फ्रॉड किया है। आपने सबको चीट किया है। चपरासी को डायरेक्टर बनाया। हमारे नाक के सामने आपने ये सब किया है। सबकुछ साफ-साफ दिख रहा है। आसमान की ऊंचाई तक आपने लोगों के साथ चिट किया है। जो भी पावरफुल लोग आपके पीछे हैं, कोई नहीं बचेगा। हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। आप फरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट पर कैसे सवाल उठा रहे हैं। आपने खुद कहा था कि करीब 3 हजार करोड़ रुपये बायर्स के आपने डायवर्ट किए हैं। हम आपको इस तरह नहीं सुनेंगे। नो, नो।