मुंबई। महानगरपालिका की लापरवाही जल्द ही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। गौरतलब है कि शहर में जगह-जगह गटरों के ढक्कन या तो टूटे हुए हैं या हैं ही नहीं। इनकी बार-बार शिकायत संबंधित विभाग को की गई लेकिन नतीजा शून्य रहा। रामदेव पार्क में सेवन-इलेवन स्कूल के पास गटर का ढक्कन कई दिनों से खुला पड़ा है। बीते 4 महीने में 2 बड़े हादसे इस खुले गटर की वजह से हो चुके हैं। इस वॉर्ड की नगरसेविका प्रीति पाटील कई बार शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन महानगरपालिका ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अंततः प्रीति ने इसकी शिकायत महानगरपालिका आयुक्त से की है।
महानगरपालिका की कमीशनखोरी है मुसीबत का कारण
समाजसेवक गणेश मिस्त्री टूटे हुए गटरों के लिए घटिया दर्जे के काम को कारण बताते हैं। वह बताते हैं कि महानगरपालिका की कमीशनखोरी का असर काम की गुणवत्ता पर पड़ता है। उदाहरण देते हुए वह बताते है कि 2 महीने पहले ही भाईंदर (पूर्व) के काशी नगर में एक गटर को लोहे की जाली लगाकर ढका गया था, लेकिन वह अब आधा टूट चुका है और जल्द ही पूरा टूट जाएगा।
लापरवाह है महानगरपालिका
काशिमिरा के रहने वाले अंकित मिश्रा बताते हैं कि माशाचापाडा में मनाली विलेज के पास गटर पर लगी लोहे की जाली टूट गई है। वह बताते हैं कि टूटी जाली के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अंकित ने इसकी शिकायत महानगरपालिका के ‘ग्रिवीएन्स ऐप’ पर भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंकित कहते हैं कि महानगरपालिका हादसों के प्रति लापरवाह है।