आजकल अबॉर्शन पिल्स के लगातार इस्तेमाल से आप बांझपन की शिकार हो सकती हैं। इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा को लेने से बचना चाहिए। अनचाहे गर्भ या प्रेगनेंसी से निजात पाने के लिए बिना डॉक्टरी सलाह लिए महिलाएं अबॉर्शन पिल्स ले लेती है।
जो उनके लिए आगे चलकर सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है और आगे चलकर ये महिलाओं की फर्टिलिटी पर प्रभाव डालती है। मार्केट में मिलने वाली अबॉर्शन पिल्स शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों ही तरह के प्रभाव सेहत पर डालती है। आइए जानते है बिना डॉक्टरी सलाह के लएि अबॉर्शन पिल्स के साइड इफेक्ट्स क्या होते है अधिक मात्रा में ब्लीडिंग गर्भपात कराने वाली गोलियां आपके शरीर में बन रहे प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टेरॉन के उत्पादन को बंद कर देती हैं। इसका परिणाम यह है कि भ्रूण गर्भाशय से अलग होकर बाहर आने लगता है। गर्भाशय का संकुचन ब्लीडिंग को बढ़ा देता है।
यह आपके पीरियड की ब्लीडिंग से ज्यादा मात्रा में हो सकती है। यह कुछ दिनों, हफ्तों से लेकर एक महीने तक हो सकती है।
पेट में अधिक दर्द और ऐंठन अबॉर्शन पिल्स से पेट में दर्द और ऐंठन होता है। कुछ उसी तरह जैसे पीरियड्स के दौरान होता है। लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा होता है। चूंकि शरीर भारी मात्रा में रक्त और दूसरे द्रव लगातार निकलते रहते हैं इसलिए पेट, पैरों और शरीर के कई हिस्सों में ऐंठन की शिकायत हो सकती है।
जी मिचलाना, दस्त अबॉर्शन वाली गोलियों को खाने से जी मिचलाने और उल्टी की शिकायत होती है। कभी-कभी पेट में होने वाली मरोड़ों से दस्त भी लग सकते हैं।
फर्टिलिटी पर असर अबॉर्शन की दवाईयां का अधिक इस्तेमाल करने से शरीर में बन रहे प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टेरॉन प्रभावित होती है। इस वजह से महिलाओं के फर्टिलिटी पर भी असर पड़ता है।