हेल्थ डेस्क। आपको बता दें कि हमारे शरीर में मौजूद लाखों सेल्स हमें खतरनाक सेल्स से बचाकर रखने के मकसद से हर दिन खुद को ही मार लेते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कैंसर सेल्स ऐसे होते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को नजरअंदाज कर अपने खुद को बचाए रखने का रास्ता खोज निकालते हैं। कैंसर के मरीजों को नई उम्मीद दिलाने के मकसद से अनुसंधानकर्ताओं ने एक नया तरीका खोज निकाला है जिसके तहत शरीर में मौजूद कुछ कैंसर सेल्स आत्म-नाश कर खुद अपनी ही मौत मर जाएंगे।
ज्यादा प्रोटीन उत्पादन खुद व खुद ख़त्म करता हैं कैंसर सेल्स
अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने एक नए रास्ते की पहचान की है जो एमवाईसी नाम के जीन के साथ पार्टनरशिप करेगा जो नॉर्मल सेल के ग्रोथ को कंट्रोल करता है। लेकिन जब यह कैंसर में परिवर्तित होकर बढ़ने लगता है तो यह एक चेन रिऐक्शन करता है जिससे कैंसर ट्यूमर तेजी से बढ़ने लगता है और इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए इस पाथवे यानी रास्ते को नाम दिया गया है एटीएफ-4 जिसमें प्रोटीन शामिल है और जब इस रास्ते को ब्लॉक कर दिया जाता है तो कैंसर सेल्स हद से ज्यादा प्रोटीन का उत्पादन करने लगते हैं और खुद ही मर जाते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के प्रफेसर कॉनस्टेंटिनोज कोमेनिस ने कहा, हमने इससे यह सीखा है कि हमें और ज्यादा गहराई में जाने की जरूरत है ताकि हम ट्यूमर के ग्रोथ को इस तरह से रोक सकें कि कैंसर सेल्स आसानी से बचकर न निकल पाएं और हमारी स्टडी इस टार्गेट की पहचान करने के लिए ही की गई है। स्टडी के नतीजे दिखाते हैं कि मुख्य मकसद एटीएफ-4 को टार्गेट करना है क्योंकि यही वह पॉइंट है जहां दोनों सिग्नल रास्ते आकर मिलते हैं। इसका मतलब है कि कैंसर को सर्वाइव करने का मौका ही न मिल पाए।