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हाथी के साईकिल पर बैठने से टायर पंचर होने की भविष्यवाड़ी हुई सच

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आज हम सबके सामने है और भाजपा की प्रचंड जीत के सामने विपक्ष ध्वस्त हो चूका है। जो महागठबंधन बनाया गया आज वो यही सिमटता दिखहि दे रहा है ।बीएसपी को 10 और एसपी को महज 5 सीटों पर जीत मिली है, इन दोनों में भी एसपी का नुकसान बड़ा रहा है, जो 2014 में 5 सीट जीती थी और इस बार भी उतने पर ही अटकी रही। हालांकि बीएसपी ने शून्य से आगे बढ़ते हुए 10 सीटें हासिल की है, जो बीजेपी की ऐसी सुनामी में एसपी और कांग्रेस के मुकाबले एक तरह से सफल रही।

याद आ रही होगी पिता की कही वो बात

इस वक्त अखिलेश यादव को पिता मुलायम सिंह की वह बात याद आ रही होगी, जो उन्होंने गठबंधन के दौरान कही थी। मुलायम ने बीएसपी से गठबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, अखिलेश ने मायावती के साथ आधी सीटों पर गठबंधन किया है। आधी सीटें देने का आधार क्या है? अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं। हमारी पार्टी मायावती की पार्टी से कहीं अधिक दमदार है।

एसपी और बीएसपी ने बैर को भुलाते हुए साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तब इसे बड़े जनाधार को प्रभावित करने वाले गठबंधन के रूप में आंका गया था। आरएलडी के साथ आने से महागठबंधन को और मजबूत माना जा रहा था। इस गठबंधन को फेल होने को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने फरवरी में ही मायावती के साथ बेटे अखिलेश के गठबंधन पर नाराजगी जाहिर की थी।”यह बात शायद उनकी सही साबित हुई है और गठबंधन ने एसपी बड़ी लूजर साबित हुई है

डिंपल को भी करना पड़ा हार का सामना

Actor Navdeep, Co Founder C Space Along With Rakesh Rudravanka – CEO – C Space

हालांकि यूपी में यादव परिवार की हार को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गठबंधन के बाद बीएसपी का वोट एसपी को ट्रांसफर नहीं हुआ। जिस पर पहले ही शंका जताई जा रही थी। एसपी यूपी की 37 सीटों पर चुनाव लड़ी थी तो बीएसपी ने 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। मुलायम सिंह यादव ने सीट बंटवारे के कुछ ही घंटे के बाद स्पष्ट रूप से संकेत दिए थे कि यह गठबंधन एसपी के लिए ठीक नहीं है , लोकसभा चुनाव में एसपी को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।

एसपी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज लोकसभा सीट से बीजेपी के सुब्रत पाठक से चुनाव हार गईं और दूसरे नंबर पर रहीं। बदायूं में, अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को भी हार का सामना करना पड़ा,वह बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य से हार गए। फिरोजाबाद में स्थिति अलग नहीं थी जहां मुलायम के चचेरे भाई राम गोपाल के बेटे अक्षय मैदान में थे और उनके हाथ भी हार लगी।

डिंपल को भी करना पड़ा हार का सामना

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